फूल,
चाहे जैसा भी हो
कैसी भी रंगत हो
कली,
चाहे कहीं भी खिली हो,
मन आँगन
या सड़क किनारे
खोलती गिरह
और मन का द्वार
ताजगी,
अनोखा अहसास
खुसबू से लबरेज फिजा
दिल की गहराईयों तक
ऊर्जा का संचार
ये है फूलों का संसार
कमाल बेमिशाल!
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जनपथ के जून 2013 अंक मे प्रकाशित
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