मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

राहत शिविर

भीड़ से बच कर वो कनात के पीछे है
उसके सामने आज भर पेट भोजन है!

सतर्क निगाहें चहुओर पसरी हैं
दबे पाँव पहुंचे कुछ लोग हैरान है!

मुखिया जी द्रवित हैं दलित की भूख से
इसलिए नहीं बताते की कुत्ते का जूठन है!

शिविरों मे राहत है, घुटना भर ही पानी है 
महादलित सड़कों पर भूख से बेचैन हैं!

ये बिहार के भोजपुर का सरइयाँ बाजार है 
यहाँ भी राहत शिविरो के सच का दर्शन है! 

देह के लिए देह की दी जारही आहुती है
भूख से यहाँ भी एक दुनिया विचलित है!

बिहार एक बार फिर बाढ़ की चपेट मे है
सभी अधिकारी नोट गिनने मे मगन हैं!
 — with Kajal Lall, Navnit Nirav, Gautam Giriyage,Jitendra Kumar, Sheshnath Pande

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