जैसे कहावत है
'बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद'
'कुत्ते की दूम कभी सीधी नहीं हो सकती'
उसी तरह एक नया वाक्य
'तुम क्या जानो सीधी पूंछ का सुख'
कभी देश के नेताओं पर आजमाना
और यदि सटीक बैठ जाए तो इसे
एक कहावत मान लेना
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मुकेश
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